गतिविधियाँ

01
पुस्तक चर्चा
प्रारंभिक दौर में पुस्तक चर्चा विकल्प का मुख्य लक्ष्य रहा। हर दूसरे महीने के दूसरे शनिवार को विकल्प की बैठक होती रही और उसमें पूर्वनिर्धारित पुस्तक पर चर्चा होती रही। चर्चा के लिए निर्धारित पुस्तक की 25-30 प्रतियाँ दो महीने पहले ही सदस्यों को उपलब्ध करायी जाती थीं। चर्चा लगभग ढाई-तीन घंटे तक जारी रहती। जनवरी 2020 तक 82 पुस्तकों पर परिचर्चा हुई। समकालीन एवं अद्यतन रचनाएँ चर्चा के लिए चुनी गयीं।

02
संगोष्ठियाँ
विकल्प के वार्षिक समारोह के उपलक्ष्य में एकदिवसीय संगोष्ठियों का आयोजन भी होता रहा। इन संगोष्ठियों के विषय रहे – ‘वर्तमान साहित्य के सामाजिक सरोकार’, ‘उजड़ते गाँव और साहित्य’, ‘बदलते सम्बन्ध और साहित्य’, ‘लोकतंत्र और साहित्य’, ‘सांप्रदायिकता और साहित्य’, ‘भारतीय परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य’। इनमें प्रो. वीरेन्द्र मोहन, प्रो. रामप्रकाश, प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी, हीरालाल राजस्थानी, राजेन्द्र तिवारी, रामप्रसाद राजभर, डॉ. गोविन्द शेणाय, प्रो. पी. वी. विजयन, प्रो. ए. अरविन्दाक्षन, प्रो. आर. सुरेन्द्रन, प्रो. पी.ए. शमीम अलियार, डॉ. वी. रवीन्द्रन, डॉ. राजकुमार, डॉ. नीलाम्बुज, श्रीमती सीमा सिंह जैसे विद्वानों की उपस्थिति एवं भागीदारी रही।

03
आदरण
17 सितंबर 2011 को वरिष्ठ लघु व्यंग्य कहानीकार डॉ. वी. गोविन्द शेणाय का विकल्प द्वारा आदरण किया गया। भारत की विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पुरस्कृत डॉ. वी. गोविन्द शेणाय, प्रो. पी.वी. विजयन, प्रो. आर. सुरेन्द्रन, प्रो.एम. षण्मुखन, प्रो. आर. शशिधरन, डॉ. वी.जी. गोपालकृष्णन का 17 अक्तूबर 2015 को विकल्प तृशूर एवं श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कालडी के संयुक्त तत्वावधान में आदरण किया गया।

04
पुस्तकों का लोकार्पण
17 सितंबर 2011 को डॉ. पी. रवि द्वारा संपादित ‘कविता का वर्तमान’ शीर्षक काव्य-अध्ययन का लोकार्पण डॉ. सी. शान्ति को प्रति देते हुए डॉ. वी. गोविन्द शेणाय ने किया। डॉ. के.जी. प्रभाकरन ने अध्यक्षता की। यह पुस्तक समकालीन दौर के 36 कवियों के 36 काव्य-संग्रहों पर समीक्षात्मक लेखों का संग्रह है।
15 नवंबर 2015 को केरल संगीत नाटक अकादमी, तृशूर के सभा भवन में संपन्न कार्यक्रम में विकल्प के अध्यक्ष डॉ. के.जी. प्रभाकरन की समीक्षात्मक कृति ‘कवियों के बहाने वर्तमान पर बहस’ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन केरल हिन्दी साहित्य मंडल, कोच्चि और विकल्प तृशूर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
13 अगस्त 2016 को केरल हिन्दी साहित्य मंडल, कोच्चि और विकल्प तृशूर के संयुक्त तत्वावधान में केरल साहित्य अकादमी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध व्यंग्य लघुकथाकार डॉ. वी. गोविन्द शेणाय के लघु कथा-संग्रह ‘जनमंगल अस्पताल’ का लोकार्पण किया गया।
5 जुलाई 2017 को मलयाळम के प्रतिष्ठित आलोचक डॉ. एम.एन. कारश्शेरी की मलयाळम कृति ‘वैक्कम मुहम्मद बशीर’ के हिन्दी अनुवाद का लोकार्पण किया गया। डॉ. के.एम. मालती ने इसका अनुवाद किया था। प्रो. अनवर अहम्मद सिद्दिकी (वर्धा) ने डॉ. वी. गोविन्द शेणाय को एक प्रति देते हुए लोकार्पण किया था। डॉ. के.पी. शंकरन ने मुख्य भाषण दिया। डॉ. पी.वी. कृष्णन नायर ने अध्यक्षता की। प्रो. जी. गोपीनाथन, प्रो. एम.एन. कारश्शेरी, डॉ. के.एम. मालती ने वक्तव्य दिये। प्रो. टी.एन. विश्वंभरन ने स्वागत एवं प्रो वी.जी. गोपालकृष्णन ने धन्यवाद दिया। केरल हिन्दी साहित्य मंडल, कोच्चि और विकल्प तृशूर के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
22 फरवरी 2020 को विकल्प तृशूर, श्री केरलवर्मा कॉलेज तृशूर के हिन्दी विभाग एवं केरल साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी की कृति ‘केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य’ का लोकार्पण किया गया। केरल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री वैशाखन ने डॉ सी. शान्ति को पुस्तक की एक प्रति देकर लोकार्पण किया। विकल्प के अध्यक्ष डॉ. के.जी. प्रभाकरन ने अध्यक्षता की। मलयालम के प्रतिष्ठित साहित्यकार एम.आर. रेणुकुमार, एम.बी. मनोजकुमार, पी.एन. गोपीकृष्णन तथा हिन्दी के आलोचक हीरालाल राजस्थानी, राजेन्द्र तिवारी, रामप्रसाद राजभर ने भाषण दिये। डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। डॉ. के. राजेश्वरी ने स्वागत किया और डॉ. सिन्धु ए. ने धन्यवाद अदा किया।