Dr. V. G. Gopalakrishnan

हिन्दी सत्ता की भाषा नहीं, जनभाषा बनें

जब भाषा सत्ता की हो जाती है, तो सत्ताधारी को तिरस्कृत किया जाता है। हिन्दी को सत्ता की भाषा नहीं, जनभाषा बननी है। विकल्प के विशेष समारोह का उद्घाटन करते हुए भाषा पंडित एवं संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. पी.पवित्रन ने बताया। केरल के विश्वविद्यालयों से हिन्दी में पीएचडी के लिए स्वीकृत शोध-प्रबन्धों में से […]

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विकल्प अनुसन्धान पुरस्कार समर्पण

विकल्प अनुसन्धान पुरस्कार समर्पण। वरिष्ठ हिन्दी लेखकों का समादरण। सेवानिवृत्त मित्रों के साथ स्नेह संगम 27 मई 2023, सुबह 10.00 बजे, विकल्प भवन, पुतूरक्करा, तृशूर केरल के विश्वविद्यालयों से गत तीन साल (2019-22) में पीएचडी के लिए स्वीकृत शोध प्रबन्धों में पुरस्कार निर्णायक समिति के सामने प्रस्तुत शोध प्रबन्धों में डॉ. राजेष आर. का शोध

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